नमस्कार दोस्तों
क्या आप जानते हैं कि मुग़ल साम्राज्य का अंतिम शासक कौन था, जिसके मृत्यु के बाद मुग़ल साम्राज्य का पतन हो गया ?
चलिए पहले जानते है मुग़ल साम्राज्य के बारे मे...
अंतिम मुग़ल शासक
मुग़ल साम्राज्य के अंतिम शासक बहादुर शाह जफर थे। जिन्हे 1837 में पिता अकबर शाह जफर के मृत्यु के बाद हिंदुस्तान का ताज़ मिला।
बहादुर शाह जफर एक शासक के अलावा एक बेहतरीन कवि और ग़ज़ल लेखक भी थे। उनकी कई नज्मो पर बाद में फिल्मी गीत बने।
1857 की क्रांति में बहादुर शाह जफर नें ही अंग्रेजो के खिलाफ लड़ायी का नेतृत्व किया था।
अंग्रेजी शासन की बढ़ती हुयी सियासत और उनकी क्रूरता ने आखिर 85 साल के बूढ़े बादशाह को कैद मे रहने पे मजबूर कर दिया।
इनकी मौत 1862 में बर्मा (वर्तमान में म्यांमार) के रंगून जेल मे हुयी।
मौत के 132 साल बाद म्यांमार सरकार ने इनकी दरगाह का निर्माण 1994 मे करवाया था।
दुनिया के बाकी दरगाहो कि तरह यहां भी महिला और पुरुष के प्रार्थना करने के स्थान अलग-अलग बनाए गए है।
म्यांमार की यात्रा करने वाले बड़े नेता बहादुर शाह जफर की दरगाह पर जरूर जाते हैं।
नरेंद्र मोदी के पहले 2012 मे मनमोहन सिंह भी वहा जा चुके है।
💗धन्यवाद💗
क्या आप जानते हैं कि मुग़ल साम्राज्य का अंतिम शासक कौन था, जिसके मृत्यु के बाद मुग़ल साम्राज्य का पतन हो गया ?
चलिए पहले जानते है मुग़ल साम्राज्य के बारे मे...
मुग़ल साम्राज्य की शुरुवात 1526 में हुयी, जिसने 18 शताब्दी के शुरुवात तक भारतीय उप महाद्वीप में राज्य किया था। जो 19 वी शताब्दी के मध्य तक लगभग समाप्त हो गया था। मुग़ल साम्राज्य तुर्क-मंगोल पीढी के तैनुर वंशी थे।
मुग़ल साम्राज्य –Mughal Empire ने 1700 के आसपास अपनी ताकत को बढ़ाते हुए भारतीय महाद्वीपों के लगभग सभी भागो को अपने साम्राज्य के निचे कर लिया था।
तब तक उस समय इस साम्राज्य के निचे लगभग 12 करोड़ लोग थे, जिसका पहला बादशाह बाबर और अंतिम बादशाह बहादुर शाह द्वितीय थे।
अंतिम मुग़ल शासक
मुग़ल साम्राज्य के अंतिम शासक बहादुर शाह जफर थे। जिन्हे 1837 में पिता अकबर शाह जफर के मृत्यु के बाद हिंदुस्तान का ताज़ मिला।
बहादुर शाह जफर एक शासक के अलावा एक बेहतरीन कवि और ग़ज़ल लेखक भी थे। उनकी कई नज्मो पर बाद में फिल्मी गीत बने।
1857 की क्रांति में बहादुर शाह जफर नें ही अंग्रेजो के खिलाफ लड़ायी का नेतृत्व किया था।
अंग्रेजी शासन की बढ़ती हुयी सियासत और उनकी क्रूरता ने आखिर 85 साल के बूढ़े बादशाह को कैद मे रहने पे मजबूर कर दिया।
इनकी मौत 1862 में बर्मा (वर्तमान में म्यांमार) के रंगून जेल मे हुयी।
मौत के 132 साल बाद म्यांमार सरकार ने इनकी दरगाह का निर्माण 1994 मे करवाया था।
दुनिया के बाकी दरगाहो कि तरह यहां भी महिला और पुरुष के प्रार्थना करने के स्थान अलग-अलग बनाए गए है।
म्यांमार की यात्रा करने वाले बड़े नेता बहादुर शाह जफर की दरगाह पर जरूर जाते हैं।
नरेंद्र मोदी के पहले 2012 मे मनमोहन सिंह भी वहा जा चुके है।
💗धन्यवाद💗
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